अति सुन्दर बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति... सार्थक दिनेश पारीक मेरी नई रचना कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: माँ की वजह से ही है आपका वजूद: http://vangaydinesh.blogspot.com/2012/03/blog-post_15.html?spref=bl
२६ साल का हसता गाता मनमोजी तन्दरुस्त नोजवान .जिसे न वीआईपी बनने का शोक हे ना शोहरत की बुलन्दीया छुने का, ना गुरु के अम्बानी की तरह अमीर बनने का.बस अपने व्यक्तित्व मे छुपी शक्तियो-शमताओ-सम्भावनाओ को साकार करना चाहता हु ओर उनका सम्वर्धन करना चाहता हु.कुल मीलाकर मे जीवन की गु्णवत्ता मे वीश्वास रखता हु .अभी तक एम.ए -राजनिती विग्यान ,स्लेट,नेट,जेआरएफ़ राज्स्थान लोक सेवा आयोग के मारफ़त सर्विस,आगे प्रयास जारी ...दर्शन का आजीवन वीद्यार्थी रहुन्गा .बाकी फ़िर कभी...
3 comments:
यह बात उन्हीं पर छोड़ देनी चाहिए......
मेरे विचार से आपका कथन सही है
अति सुन्दर बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति...
सार्थक
दिनेश पारीक
मेरी नई रचना
कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: माँ की वजह से ही है आपका वजूद:
http://vangaydinesh.blogspot.com/2012/03/blog-post_15.html?spref=bl
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